इतिहास से रूबरू कराती किताब यह किताब दिल्ली के क्रांतिकारी नाहर सिंह के जीवन, उनके शासन और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताती है। लेखिका का यह कार्य न केवल हरियाणा और बल्लभगढ़ क्षेत्र के इतिहास को पुनर्जीवित करता है, बल्कि उस राष्ट्रीय चेतना को भी रेखांकित करता है, जिसने भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया। तथ्यात्मक जानकारी के लिए पुराने दस्तावेजों का भी सहारा लिया गया है। मोहम्मद अलीम ने इसका हिंदी में अनुवाद किया है। लेखिका ने ऐतिहासिक तथ्यों को रोचक ढंग से औपन्यासिक शैली में प्रस्तुत किया है, जिससे किताब पठनीय बन गई है।

राजा नाहर सिंह : दिल्ली का लौह द्वार           लेखिका : डॉ. अमृता सिंह
अनुवादक : मोहम्मद अलीम                        प्रकाशक : प्रवासी प्रेम पब्लिकेशन, गाजियाबाद
मूल्य : 195 रुपये